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Practice Makes a Man Perfect | Practice Makes You Perfect | Practice Makes Perfect Motivation Hindi

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जब कोई exam में top करता है, जब कोई दौड़ में अव्वल आता है, जब बल्लेबाज़ बढ़िया शतक लगाके records बनता है, जब कोई team world cup जीतती है, जब कोई सेना युद्ध में फ़तेह हासिल करती है, जब कोई Business Startup अपना desired growth हासिल करता है, मतलब, जब भी इंसान अपने तेह किए काम को 100% उसके अंजाम तक पहुंचाता है, तब उस अंजाम के पीछे हुई आखिरी कोशिश में जो भी process हुई होती है वह एक दम perfection के साथ हुई होती है।

यह ऐसा perfection है जो अपने आप आता है जानबूझकर नहीं। "कल कुछ भी हो, में तो शतक पूरा करके ही रहुंगा! बस आज आरामसे सो जाता हु।" ऐसा सोचकर खेलने वाला बल्लेबाज़ 100 रन तो दूर की बात है, 10 भी ठीक से नहीं कर पाएगा। कल शतक लगा सके ऐसा खेलना है, तो आज दुगनी practice करनी होगी तभी बल्लेबाज़ उस stage तक पहुंच पाएगा। क्योंकि practice से ही वह perfection आता है जो शतक के लिए ज़रूरी है। सर्फ़ "Perfect खेल लूंगा!" यह सोचने से नहीं आता।


Practice Makes Perfect:


याद करो उस दिन को जब आपने पहली बार cycle के paddle पे पैर रखा। तब क्या आपने तुरंत cycle चला ली थी? चलाना तो बाद की बात है, Handle का balance भी ठीक से नहीं रहा होगा। आपको पीछे से किसी ने हाथ दिया होगा, कहीं बार आपका balance बिगड़ा होगा, कहीं बार आप गिरे भी होंगे! लेकिन फिर भी आपने बार बार कोशिश की तब जाकर वह दिन आया जब आपने cycle को पहली बार ठीक से चलाया, सही balance के साथ। तो यह कोशिशें ही आपकी वे practice थी, जिसकी वजह से वह perfection आया जिससे आप पूरी तरह से bicycle चलाना सीख गए। अगर practice नहीं करते और छोड़ देते यह सोच कर, कि "यह मुझसे नहीं होगा!" तो आज भी आपको cycle चलाना नहीं आता।


सिर्फ cycle या sports में ही नहीं life की हर वो चीज़ जिससे आप पहले अनजान थे फिर उसमें आपने better grip हासिल की, उन सब में practice का role बहोत important रहा होगा। यहाँ तक की हम अपने पैरो से चल पा रहे है वह भी हमारे उन दिनों की बार-बार गिरकर खड़े होकर चलने लगतार की गई कोशिशों का नतीजा है जब हम महज़ दूध पीते बच्चे थे! एक छोटे से cute से Baby थे।


जब किसी चीज़ को लेकर हम यह सोचने लगे, कि "यह हमसे नहीं होगा!" तब यह सब याद करना और सोचना एक दिन ऐसा था जब चलना भी नहीं आता था और आज दौड़ भी सकते है। तो कोई और नया challenge face करने से पहले ही क्यों हम घबरा जाते है और यह सोचने लगते है, कि हमसे नहीं होगा। अरे! क्यों नहीं होगा? सही effort लगाओ बार बार उस एक ही चीज पे लगे रहो, यह लगे रहना ही आपकी practice कहलायेगी जिससे आप धीरे धीरे वह perfection अपने आप हासिल करते जाओगे जो आपको उस challenge को पार करने में 100% कारगर साबित होगा।


पहली ही बार में तीर कमान हाथ में लेकर निशान बाज़ कोई नहीं बनता! बार बार तीर को निशाने पर लगाने की बहुत लम्बे time की practice करने से ही वह काबिलियत अाति है, जिसके बाद आप जब कभी भी निशाना लगाओ तो सीधा उस जगह पर ही लगे जो आपका target है।


यानि, जो भी target आप तेह करते हो अपनी life में उस तक तभी पहुंच पाओगे जब आप उसके काबिल बनेंगे और वह काबिलियत आती है Perfection से, और यह perfection सिर्फ एक ही चीज से आता है, लगातार Practice.


"To be an expert, perfect work is essential, and practice makes perfect work."




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