क्रिएटिव सोच कुछ भी करने के लिए नए और बेहतर तरीके ढूंढ कर देती है।
हमारी रचनात्मक क्षमता को विकसित करने और मजबूत करने के लिए, आपको सबसे पहले अपने आप पर विश्वास करना होगा। जब आपको लगता है कि आपके लिए कुछ संभव है, तो आपका दिमाग इसे करने के तरीके खोज लेगा। आप जो कुछ भी कर रहे हैं, उसमे "असंभव", "नहीं करना चाहते" या फिर "नहीं कर सकते" इस टाइप के खयालो को को हंमेशा के लिए दूर करना होगा। नकारात्मक सोच आपके मन को बांध के रखती है, आपकी प्रगति में अवरोध पैदा करती है, और आपके मन में उठ रही क्रिएटिव यानि की रचनात्मक सोच को विकसित होने से रोकती है। इसलिए, नए विचारों के लिए receptive बनें, receptive का मटकाब है ग्रहणशील, एक साहसिक व्यक्ति बनें, अपनी रेगुलर दिनचर्या को तोड़ें और आप जो कुछ भी करते हैं उसमें कुछ नया इंक्रीमेंट लाये।
अगर ऐसा करते रहोगे तो चाहे आप घर पर हों या आपके business में, successful combination आपके काम की quality और quantity दोनों में सुधार करता है, यानी, आप जो करते हैं वह बेहतर करते जाते हैं और जो करते हैं उससे ज़्यादा आउटपुट पाते हैं। अपनी रचनात्मक सोच को मजबूत करने के लिए, दूसरों को बात करने के लिए encourage करें, प्रश्नों के रूप में अपने विचारों का अध्ययन करें, और दूसरा व्यक्ति जब जवाब दे रहा हो आपके सवालों का तब उनके कहे पर ध्यान केंद्रित करें। बारीकी से उनकी बातो को समझने का प्रयास करे। आस्किंग और लिसनिंग की क्रिया का अभ्यास करें। फिर, अपने मन को फैलाएं। ऐसे लोगों के साथ जुड़ें जो आपको नए विचारों के बारे में अध्ययन करने में मदद कर सकें। याद रखे रचतनामक सोच ही असंभव को संभव बनती है और कुछ नया करने की ताकत देती है।
"Stretch your mind to be a Receptive and Innovative Mind."
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