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Thought process of your mind | हमारी Thought Process! | Mind power motivation video | Motivational

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इस भौतिक दुनिया के सभी जीवो में सबसे #powerful चीज़ अगर कोई है तो वह है "इंसानी दिमाग"

ऐसा कहा जाता है की आजके time में किसी भी इंसान ने अभी तक 100% इस्तेमाल नहीं किया। अबसे ज़्यादा अपने दिमाग का इस्तेमाल करने वाले लोगो में Great Scientist Albert Einstein का नाम आता है जिन्होंने अपने दिमाग का महज़ 10% use किया। उनके बाद किसीने भी आज तक अपने दिमाग का इतना इस्तेमाल नहीं किया। सोचिए की हम सभी अपने दिमाग का 10% use तक नहीं कर पाए है फिर भी modern time में आज हमने इतनी तरक्की कर ली है, तो अगर दिमाग का 100% इस्तेमाल हो जाए तो और क्या-क्या हो सकता है इस दुनिया में!


दिमाग का इस्तेमाल basically हमारी thinking process पर depended होता है। हर दिन में हज़ारो तरीके के ख्याल हमारे दिमाग में आते रहते है, उनमें से कुछ ख्याल ऐसे होते हैं जो हमारे काम के होते है, वह या तो हमारी daily life के हिसाब से होते है या हमारी personal और professional thinking होती है। बचपन से लेकर आज तक हम जो भी करते आए हैं वह हम हमारी thinking की बजह से ही कर रहे हैं और आगे भी ऐसे ही करते रहेंगे। क्योंकि हमारी हर एक activities का आधार हमारी thinking process हैं। हमारी life में हम अच्छे या बुरे जो भी results पाते हैं वह सब हमारी thinking पर ही depend होते हैं! लेकिन कैसे? आइए जानते हैं:


Thinking से लेकर result तक हमारा दिमाग 3 phases में काम करता है जो है, सबसे पहले हमारे दिमाग में कोई thought अता है उसके बाद अगर वह thought हमें हमारे लिए relevant लगे तो हम उनके बारे में और भी ज़्यादा सोचने लगते हैं। और फिर उसके बाद अगर वह thought हमें possible लगे तो हम इसे reality रूप देने के लिए एक planning create करके उनके according काम करना शरू कर देते हैं जो end में हमें वही result ला कर देता हैं जैसा हमने सोचा था या जैसा हमने चाहा था।


For example, हमें हमारे घर से London में किसी particular जगह पर जाना है, जहां हमें किसी से मिलना है, इसे हम हमारे दिमाग में आया हुआ पहला thought कहेंगे।


फिर हम इनके बारे में आगे यह सोचेंगे की कैसे जाया जाए? इनसे हम एक process create करेंगे like हम अगर metropolitan city में है तो हम direct international flight book करेंगे या अगर हम किसी और city में है जहां international airport नहीं है तो हम पहले अपने near by airport से किसी बड़े city, like Delhi या Mumbai ऐसे किसी city की एक ticket book करेंगे और दूसरी ticket Mumbai या Delhi से London जाने वाली flight की book करेंगे।


अब इतना करने के बाद जब वह दिन आएगा जिस दिन के लिए हमने booking की है, उस दिन हम खुद घर से निकल कर अपनी tickets के through हम flight ले कर पहले Mumbai या Delhi, फिर उसके बाद सीधा London जाएंगे और वहां जा कर जिनसे हमें मिलना है उनके घर तक पहुंचेगे, इसे कहते है हमारे thought पर planning करके उन्हें reality में convert करने की action process.


यह हो गया simple practical example जिसमे हर एक process हम खुद करते है और हम खुद अपने destination तक पहुंचते हैं। इस process में तो पूरा control हमारे हाथ में होता है, लेकिन अब जो example में बताउगा उसमें पूरा process हमारे हाथ में नहीं होता, means हम plan करके actions लेना शरू तो कर सकते हैं लेकिन result जो मिलता है वह हमारे काम करने के तरीके और हमारे mind power पर depend करता हैं।


जैसे की, मान लो, हमने कोई business करने के बारेमें सोचा, like समझ लो की हमें एक online store खोलना है जसमें हम हर तरह की dry-fruits या इनके जैसी और grocery चीज़ें बेचेंगे जो एक ठोस packing में मिल सकती हैं। इस तरह का online store खोलने का concept दिमाग में आना हमारे दिमाग में आया first thought हैं।


अब हम क्या करेंगे? इस thought के according आगे वह सब सोचेंगे जिनसे हम एक particular plan establish कर पाएं, हमारे इस online-store वाले concept का।


अब planning के बाद आएगी 3rd process जिसमें हम actions लेंगे, like, एक online store website build करना फिर उसमे payment gateway लगाना और उनके बाद vendors find करना जो हमें stock provide कर सकें, और उस stock के according product listing करना।


And finally इन सब के बाद आता है, हमारी इस store website का सही से SEO करवाना और Digital Marketing करवाना। इतनी process जो होती है वह 100% हमारे control में होती है। अब आपकी site में कितना traffic आएगा और उनमें से कितने लोग आपकी products को buy करने के लिए order देंगे उसके बाद order उनको अपने घर पे deliver होने के बाद उनको कितना आएगा उस हिसाब से वह कितना rating देंगे वह process 100% हमरे control में नहीं होता। वह हमारे काम करने के तरीके यानि order हम कितना fast deliver करते हैं और उनके according product की quality कैसी होनी चाहिए जो हमारा knowledge, research और हमारा mind power decide करता हैं उनके ऊपर depend करता हैं। और फ़िर हमें इस हिसाब से result मिलता है जो हमारे mind में हमने जो expectations create की होती है उनके according हो भी सकता हैं और नहीं भी।


यह depend करता है की हम हमारे इस concept के साथ कितना लगाव रखते हैं। क्या हम इसे दिल से कर रहे हैं, या सिर्फ पैसे कमाने के लिए ही कर रहे हैं? अगर हम सिर्फ पैसे कमाने के लिए इसे करते हैं तो हम उतना result हम नहीं gain पर पाएंगे जितना हमें चाहिए, लेकिन अगर हम इसे दिल से अपना hobby समज कर करतें हैं, तो हम इतना अच्छा result पा सकतें हैं जो हमने कभी सामने में भी नहीं सोचा होगा!


Overall, कहने का मतलब यह है की हमारा mind हमें वो सब दे सकता हे जो हमें चाहिए। लेकिन उनके लिए हमें उनके according काम भी ऐसा करना पड़ता हैं जो हमें दिल से करना पसंद हो, जिसे हम एक शोख तरह करें, हम अपने काम को enjoy कर पाएं। तभी हमारा दिमाग हमारे अंदर ऐसे dopamine release करेगा जो हमें pleasurable feel देंगे, जिनकी बजह से हम हमारे काम के हर एक action को एक दम perfect तरीके से करने के लिए motivate होते रहेंगे जो हमें finally एक ऐसा result ला कर देंगे जैसा हम वाकही में चाहते हैं, या ऐसा result जो हमारी चाहत से भी परे हो!


तो यह है Thought process of your mind जो आपको इस बारे में aware करती हैं, कि अगर आप वह चीज़ें करना पसंद करेंगे जो आप दिल से करना चाहें तो आप वाकही अपनी life को successful तरीके से और एक great satisfaction के साथ जी पाएंगे।


"You're not a real thinker if you don't think of doing what you like to do with a wish."


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