कोई भी इंसान एक्सपर्ट या champion तब बनता है जब उनके पास talent के साथ strong belief भी हो।
लोगों के बीच एक आम सोच है कि वास्तविक champion वह होता है जो मेहनत किए बिना एथलीट की तरह दिखता है और आगे बढ़ता है। शारीरिक energy की तुलना मानसिक क्षमता से नहीं की जा सकती। यह हमेशा सभी को दिखाई देता होगा। अगर हम एक एथलीट का example ले, तो एथलीट की ऊंचाई और वजन को छुपाया नहीं जा सकता। एक एथलीट की हैसियत से boxing champions को सिर्फ physical strength पर ही नहीं बल्कि mantel strength पर भी निर्भर होना होता है। मशहूर boxer मुहम्मद अली जो थे वो सन्नी लिस्टन की तरह physical able नहीं थे। सन्नी उनसे बड़ा था लेकिन उसके पास classical tricks नहीं थी, इसीलिए वह अली के punches का भी बचाव नहीं कर सका। सन्नी physical able था फिर भी अपनी अधीरता की बजह से मानसिक क्षमता पर लगाम नहीं लगा पा रहा था। लिस्टन के against, अली अपनी बुद्धि के बल पर निर्भर था। पूरी तरह से अपने दिमाग पर निर्भर होने और अपने complications में नहीं होने के बाद, अली ने लिस्टनकी fight पैटर्न का observation किया और उसे हरा दिया, ये एक ऐसी जीत थी जो boxing के इतिहास में incredible बनी हुई है। यह घटना मानसिक क्षमता और शारीरिक ability दोनों पर निर्भर करती है। Champion के दिमाग में चरित्र, इच्छाशक्ति और दिल का मेल होता है, ये ऐसी चीजें हैं जो हर समय एथलीट की exam बार-बार लिया करती हैं। जीतने की strength एथलीट को दिवस से लेके रात तक train करने से मिलती है। champion की journey के हिस्से के रूप में हार और जीत दोनों को स्वीकार करने के लिए positive रवैया भी अनिवार्य होता है। आपका character आपको highest level पर पहुंचने की ताकत देगा। और अगर आप वहां तक पहोच भी जाए, तो आपको उस level पर बने रहने के लिए एक अच्छे character की भी ज़रुरत होती है। महान champion वो होते हैं जिन्होंने हमेशा growth की मानसिकता अपनाई हो। वो हंमेशा कुछ न कुछ सीखते रहेंगे और अपने आपको हंमेशा updated रखेंगे, वह लोग असफलता और सफलता दोनों को एक प्रेरक स्त्रोत के रूप में देखते हैं। और इसीलिए तो उन्हें champion कहा जाता है।
“Your thinking power and talent can affect how great you become as a champion.”
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